राम लला विराजमान का इरादा ही था कि विवादित स्थल पर कब्जा किया जाए

राम लला विराजमान का इरादा ही था कि विवादित स्थल पर कब्जा किया जाए

मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कोर्ट में कहा, जस्टिस बोबड़े ने कहा आस्था पर सवाल न उठाएं

श्री राम जनमभूमि मामले में ,सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कोर्ट में कहा कि राम लला विराजमान का इरादा ही था कि विवादित भूमि पर कब्जा किया जाए। इस पर जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि महाकाव्यों में जन्मस्थान के बारे में है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अयोध्या के मामले में हिंदुओं के आस्था पर कैसे सवाल उठाया जा सकता है। ये मुश्किल हैउन्होंने कहा, एक मुस्लिम गवाह का बयान है कि हिंदुओं के लिए अयोध्या वैसे ही है जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का का स्थान है। पढ़िए सर्वोच्च न्यायालय में हुई 29वें दिन की सुनवाई


राजीव धवन: धर्म शास्त्र के बारे में खुद से परिकल्पना नहीं की जा सकती है ये गलत होगा। जन्मस्थान की दलील विश्वास और आस्था पर आधारित है और अगर इस दलील को स्वीकार कर लिया गया तो इसका व्यापक असर होगा। वैदिक काल में सूर्य, नदी, पेड़ आदि की पूजा होती थी। हिंदू पक्षकार की दलील है कि ये तमाम चीजें न्यायिक व्यक्तित्व हैं। ये न्यायिक व्यक्तित्व की बात नहीं है बल्कि आदर का भाव है।
राजीव धवन: इस मामले में राम लला विराजमान का इरादा ही था कि विवादित स्थल पर कब्जा किया जाए और पुराने स्ट्रक्चर को तोड़ा गया ताकि नया मंदिर बने और दूसरे के शेबियत (मैनेजमेंट के अधिकार) को खत्म किया जाए।
जस्टिस अशोक भूषण: महाकाव्यों में जन्मस्थान के बारे में है। मूर्ति अलग अवधारणा है। स्वयंभू जन्मस्थान से अलग अवधारणा है।
धवन: धर्म शास्त्र की खुद से रचना नहीं की जा सकती है। समाज के परिवर्तन के लिए संविधान परिवर्तन की जरूरत नहीं है। पीएम मोदी भी कहते हैं कि देश बदल रहा है, लेकिन इसके लिए संविधान बदलने की जरूरत नहीं है।
राजीव धवन: हिंदू पक्षकारों की दलील है कि भगवान राम वहां पैदा हुए थे। लेकिन जगह के बारे में उल्लेख नहीं है। राम के वहां जन्म के बारे में दलील है। पर क्या जन्मस्थान न्यायिक व्यक्तित्व हो सकता है। 1989 से पहले किसी भी ऐसे न्यायिक व्यक्ति के बारे में दलील नहीं थी।
राजीव धवन: हमारी दलील है कि पूरी की पूरी जमीन जन्मस्थान कैसे हो सकती है। हिंदू पक्षकार का ये दावा है लेकिन ऐसा नहीं हो सकता। जन्मस्थान तो एक निश्चित जगह पर हो सकता है पूरा इलाका कैसे हो सकता है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़: अयोध्या के मामले में हिंदुओं के आस्था पर कैसे सवाल उठाया जा सकता है। ये मुश्किल है। एक मुस्लिम गवाह का बयान है कि हिंदुओं के लिए अयोध्या वैसे ही है जैसे मुस्लिमों के लिए मक्का का स्थान है।
राजीव धवन: हम भगवान राम का सम्मान करते हैं। जन्मस्थान का सम्मान करते हैं, इस देश में अगर राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा तो देश खत्म हो जाएगा। ये देश विविधताओं वाला देश है। दुनिया का कोई देश इतनी विविधता वाला नहीं है।
राजीव धवन: हम परिक्रमा के विषय पर आते हैं। क्या किसी जगह पर परिक्रमा करने से उस जगह का मालिकाना हक तय किया जा सकता है। मेरा मानना है कि परिक्रमा पूजा का एक प्रकार है। वहां कुछ गवाहों ने कहा कि वह पंच कोसी की परिक्रमा करता था। कुछ ने कहा कि वह 14 कोसों की परिक्रमा करता था। कुछ ने कहा था कि चबूतरे की परिक्रमा करते थे। अलग-अलग गवाहों के अलग अलग बयान हैं और कुछ ने तो ये भी कहा था कि वह दक्षिण दिशा में परिक्रमा करते थे। इस आधार पर जमीन से देवता के संबंध स्थापित नहीं किए जा सकते।

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