संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले, घर से शुरू हो मातृशक्ति के सम्मान की शिक्षा
हैदराबाद की घटना के संदर्भ में बोले सर संघचालक
नई दिल्ली.
किला मैदान पर आयोजित गीता प्रेरणा महोत्सव में जुटे लोग हैदराबाद की घटना से मर्माहत दिखे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि मातृशक्ति के प्रति सम्मान की शिक्षा हमें घर से ही शुरू करनी होगी। ऐसा अपराध करने वालों की भी बहन और माता हैं। ऐसे लोगों को शायद घर में किसी ने सिखाया नहीं कि मातृशक्ति से कैसे व्यवहार करना चाहिए।
जियो गीता संस्थान की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में भागवत ने महाभारत के एक प्रसंग का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब अर्जुन के सामने उर्वशी खड़ी थीं, तो वह उन्हें एकटक देख रहे थे। बाद में उर्वशी ने कहा कि तुम मुझे पसंद करते हो, इसलिए देख रहे हो, तब अर्जुन कहते हैं कि आप हमारी पूर्वज हैं, माता के समान हैं। इसलिए मातृभाव से देख रहा था। समाज में भी जब यही भाव होगा तो देश में मातृशक्ति का सम्मान और सुरक्षा अपने आप हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की है और रहेगी। लेकिन, सबकुछ उन्हीं पर छोड़ देने से नहीं चलेगा। इसके लिए परिवार को भी जिम्मेदारी लेनी होगी। इसके साथ ही उन्होंने गीता को जीवन का सार बताते हुए कहा कि इसे संपूर्ण विश्व का बनाने के लिए शुरुआत खुद से करनी होगी। 130 करोड़ की जनता को इसे हर घर और गांव तक पहुंचाना होगा।
साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि पुरुष जब काम वासना का पुतला बनेगा तो घर की बहू-बेटियां भी सुरक्षित नहीं रहेंगी। भारत जैसे देश में दुष्कर्म और भ्रष्टाचार अशोभनीय व चिंताजनक है।
जैन धर्मगुरु लोकेश मुनि ने कहा कि गीता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, जिससे इस तरह के कुसंस्कारी पैदा न हों। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मध्यम एवं लघु उद्योग राज्य मंत्री प्रताप चंद सारंगी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, अवधेशानंद महाराज, परमानंद महाराज, राघवानंद महाराज, स्वामी ज्ञानानंद, विवेक मुनि, स्मृति ईरानी समेत अन्य ने महोत्सव को संबोधित किया। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश पढ़ा। वे व्यवस्तता के चलते इस समारोह में सम्मिलित नहीं हो सके।
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