6 दिसंबर 1992 का वो दिन ….

6 दिसंबर 1992 का वो दिन ….

जानिए 27 साल पहले आज के ही दिन का पल-पल का घटनाक्रम

एकात्म भारत
6 दिसंबर 1992 का दिन भारत के इतिहास में अगर हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन आम हिन्दू ने अपने अराध्या राम की जन्मभूमि पर पर पूजा का अधिकार प्राप्त करने के लिए जो संघर्ष किया था वैसा आधुनिक भारत में कभी दिखाई नहीं दिया। लाखों हिन्दू अपने अाराध्य के अधिकार के लिए अपने-अपने घरों से निकल गए थे। कारसेवा में जाने वाले कईं कोठारी बंधु की तरह कभी लौटकर अपने घर नहीं जा सके। आज के दिन हम याद कर रहे हैं, 1992 के उस घटनाक्रम को। ताकि कब, क्या हुआ इसकी जानकारी आज पीढ़ी को दी जा सके। घटनाक्रम वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की किताब युद्ध में अयोध्या से लिया गया है। हम इस पुस्तक के सभी अंशों का समर्थन नहीं करते हैं।

7.00 बजे 6 दिसंबर की सुबह 7.00 बजे प्रधानमंत्री नरसिंह राव विश्व हिंदू परिषद के नेता विनय कटियार से बात करते हैं कटियार उन्हें आश्वस्त करते हैं। कारसेवा प्रतीकात्मक होगी। जैसा कल तय हुआ है। आप निश्चिंत रहें।

8.00 बजे विनय कटियार के घर बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी पहुँचते हैं। अशोक सिंघल यहाँ पहले से मौजूद थे। सबने साथ नाश्ता किया और कारसेवकों को कैसे काबू में रखा जाए, इस पर रणनीति बनी। कारसेवकों की बढ़ती संख्या इनकी चिंता का कारण थी।

8.30 बजे विनय कटियार के घर पर ही मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तीनों नेताओं से फोन पर बात कर स्थिति को सँभालने का निवेदन किया। अनहोनी की आशंका से कल्याण सिंह भी चिंतित थे।

9.00 बजे फैजाबाद सर्किट हाउस में जिलाधिकारी और एस.एस.पी. के साथ सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वर तेजशंकर के साथ बैठक होती है।

9.30 बजे केंद्रीय गृहसचिव माधव गोडबोले ने भारत-तिब्बत सीमा सुरक्षा पुलिस के महानिदेशक से , जो कि उस समय फैजाबाद में थे, कहा कि वे केंद्रीय बलों के साथ तैयार रहें। जैसे ही राज्य सरकार उनकी मदद माँगे, वे केंद्र सरकार के औपचारिक आदेश का इंतजार किए बिना कूच करें।

9.45 बजे आडवाणी, जोशी सहित विहिप के सभी नेता और साधु-संत रामकथा कुंज के मंच पर पहुँचे।

10.00 बजे जिस विवादित चबूतरे पर प्रतीकात्मक कारसेवा यज्ञ और हवन के रूप में होनी थी, वहाँ आडवाणी, जोशी को देख कारसेवक उत्साह में आ गए, नारेबाजी हुई, कारसेवकों ने पहली बार बाड़ तोड़ी।

11.30 बजे रामकथा कुंज में कोई एक लाख कारसेवकों के मौजूद होने की खबर दिल्ली को मिली। वहाँ नेताओं के भाषण चल रहे थे। मंच पर बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद, संघ के शीर्ष नेता मौजूद। चौतरफा उत्तेजना लेकिन सब काबू में।

12.00 बजे गृह मंत्रालय को आईबी के जरिए सूचना मिलती है कि 200 कारसेवक विवादित इमारत में जबरन घुस गए हैं। राज्य पुलिस और पीएसी उन्हें रोक नहीं पाई। स्थानीय अफसरों ने भी कोई दखल नहीं दिया। कारसेवकों ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी है। यह सूचना प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव और गृहमंत्री एस बी चह्वाण को तुरंत दी गई। आईबी ने मानस भवन के एक कमरे में अपने तीन कैमरे लगा रखे थे। जहाँ से पूरे दिन की उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग की थी। बाद में यही रिकाॅर्डिंग सीबीआई जाँच का आधार बनी।

12.10 बजे केंद्रीय गृहसचिव ने उ.प्र. के मुख्य सचिव को फोन किया। लेकिन बात नहीं हो पाई। तब राज्य पुलिस महानिदेशक से कहा कि वे तुरंत फैजाबाद में तैनात केंद्रीय बलों का इस्तेमाल करें।

12.25 बजे गृहमंत्री एस.बी. चह्वाण ने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से बात की और ढाँचे पर हमले की चिंता जता, उनसे फौरन कार्रवाई कर ढाँचे को खाली कराने की अपील की। गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा, आप केंद्रीय बलों का इस्तेमाल करें कल्याण सिंह बोले, हमें परस्पर विरोधी खबरें मिल रही हैं। मैं मामले की जाँच कर आपको बताता हूँ। लेकिन कल्याण सिंह ने दुबारा गृहमंत्री को फोन नहीं किया।

12.30 बजे मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने अयोध्या कंट्रोलरूम में संपर्क साधा और कमिश्नर से बात की। उनसे जो कुछ हो रहा है, उस पर अपना गुस्सा जताया। लेकिन यह भी कहा, बिना गोली चलाए स्थिति को सँभालें। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षक तेजशंकर ने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को बताया कि ढाँचे पर कुछ कारसेवक चढ़ गए हैं। हालाँकि कोई स्थायी निर्माण नहीं हो रहा है। (दरअसल तेजशंकर तो स्थायी निर्माण पर नजर रखने के लिए आए थे, जबकि वहाँ तो ध्वंस हो रहा था।)
12.40 बजे आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि ढाँचे को नुकसान पहुँचाया जा रहा है, लेकिन उ.प्र. पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। रैपिड एक्शन फोर्स की 2 बटालियन कार्रवाई के लिए तैयार हैं। दोनों बटालियनें फैजाबाद के डोगरा रेजिमेंटल सेंटर में राज्य सरकार के मजिस्ट्रेटों का इंतजार कर रही हैं।

1.00 बजे केंद्रीय गृहमंत्री ने उ.प्र. के राज्यपाल बी. सत्यनारायण रेड्डी से बात की। उन्हें बाबरी ढाँचे पर हमले की सूचना दी और उन्हें ढाँचे को बचाने के लिए दखल देने को कहा।

1.15 बजे जिलाधिकारी फैजाबाद ने डीआईजी सीआरपीएफ से 50 कंपनी केंद्रीय बलों की माँग की। महानिदेशक आईटीबीपी ने जिला प्रशासन से इन केंद्रीय बलों के लिए मजिस्ट्रेट माँगे। क्योंकि कानून के तहत मजिस्ट्रेट के बिना सुरक्षा बल आगे नहीं बढ़ सकते।
1.30 बजे अयोध्या कंट्रोलरूम को मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का लिखित संदेश मिलता है कि गोली नहीं चलेगी। उसके बिना विवादित परिसर खाली कराएँ।

1.50 बजे केंद्रीय बलों को लाने के लिए एक मजिस्ट्रेट और एक सर्किल अफसर फैजाबाद के डोगरा रेजिमेंटल सेंटर पहुँचे।

1.50 बजे आई.टी.बी.पी. के महानिदेशक ने फिर गृह मंत्रालय से कहा, ढाँचे को काफी नुकसान पहुँचा है, पर यू.पी. पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। केंद्रीय बलों की तीन बटालियनें मजिस्ट्रेट के साथ अयोध्या के लिए रवाना हो गईं।

2.00 बजे गृहमंत्री चह्वाण ने फिर मुख्यमंत्री कल्याण सिंह से बात कर पूछा कि ढाँचे की हिफाजत के लिए अब तक क्या किया? कल्याण सिंह ने कहा, वे पूरी तरह ढाँचे को बचाने की कोशिश में लगे हैं, पर गोली चलाने से मना किया है।

2.20 बजे डी.जी. आई.टी.बी.पी. ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि फैजाबाद कैंप से चली अर्धसैनिक बलों की तीनों बटालियनों को विरोध और बाधाओं का सामना करना पड़ा हमे। रास्ते में लोगों ने बाधाएँ खड़ी कर सड़क रोक रखी है। पथराव की घटना भी हुई। तब मजिस्ट्रेट ने उन्हें लिखकर दिया कि वे वापस लौट जाएँ। तीनों बटालियनें वापस लौट गईं। स्थिति जस की तस बनी हुई है।

2.30 बजे केंद्रीय गृहसचिव ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से कहा, केंद्रीय बलों की तीनों बटालियनों को स्थानीय अधिकारियों ने वापस कर दिया है। आप उन्हें हिदायत दें कि वे सुरक्षा बलों का इस्तेमाल करें।
2.40 बजे केंद्रीय गृहसचिव ने रक्षा सचिव से बात कर कुछ हेलीकॉप्टर तैयार रखने को कहा, ताकि जरूरी हो तो केंद्रीय बल हवाई मार्ग से जा सकें। उनसे एक-दो ट्रांसपोर्ट जहाज भी तैयार रखने को कहा।

2.50 बजे आईबी ने गृह मंत्रालय को सूचित किया कि ढाँचे का पहला गुंबद गिर गया है। स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। अयोध्या में सांप्रदायिक वारदातें भी शुरू हो गई हैं। सांप्रदायिक दंगे भड़कने की आशंका है। केंद्रीय बल मौके पर जाने में असमर्थ हैं। डीजीपी उत्तर प्रदेश ने सूचित किया कि बिना फायरिंग के अब स्थिति को काबू में नहीं किया जा सकता, इसके लिए मुख्यमंत्री से आदेश लिये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अब तक कोई आदेश नहीं दिया। रामकथा कुंज के मंच पर आडवाणी, जोशी और सिंघल फिर आए। तीनों काफी चिंतित दिख रहे थे। उमा भारती खुशी से उछल रही थीं। वे खुशी में डॉ. जोशी की पीठ पर चढ़ गईं।

3.00 बजे रेसकोर्स रोड पर प्रधानमंत्री निवास में प्रधानमंत्री के निजी डॉक्टर के. श्रीनाथ रेड्डी राव की तबीयत देखने दोबारा आते हैं। सुबह वे आकर जा चुके थे। रेड्डी बताते हैं, राव का रक्तचाप बढ़ा हुआ था, चेहरा लाल था। वे काफी उत्तेजित थे। उनकी धड़कन और नाड़ी तेज थी। वे कुछ बोल नहीं रहे थे। आमतौर पर वे मुझसे तेलुगु या अंग्रेजी में बात करते थे, पर आज कुछ नहीं कहा।

4.30 बजे केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के गृहसचिवों, पुलिस महानिदेशकों से कहा कि सांप्रदायिक स्थिति पर नजर रखें। अगर स्थिति बिगड़ती है तो केंद्र की मदद लें। सैन्य अधिकारियों से भी सीधे मदद ली जा सकती है। गृहसचिव ने सेनाध्यक्ष और रक्षासचिव से कहा, प्रशासन की मदद के लिए सेना तैयार रहे।

4.40 बजे विवादित इमारत का मुख्य गुंबद भी गिर गया, जिसे विश्व हिंदू परिषद गर्भगृह कहती है। सारे स्थानीय अफसर अब अपनी-अपनी जगह छोड़ भाग खड़े हुए। रामकथा कुंज में सिर्फ कुछ साधु-संत थे। आचार्य धर्मेंद्र, ऋतंभरा आदि कारसेवकों को ललकार रहे थे। कारसेवक भी लौटने लगे. पूरा परिसर विचारहीन दिमाग की तरह खाली दिखने लगा था।

5.15 बजे डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने अपने हाथ से एक अपील लिखी, जिसमें विवादित इमारत ध्वस्त करने पर कारसेवकों को बधाई दी गई। कारसेवकों से अनुरोध किया गया कि वे अयोध्या के मुसलमानों के घरों और दुकानों पर हमला न करें, क्योंकि अयोध्या के मुसलमानों से उनकी कोई दुश्मनी नहीं है। जोशी ने यह पत्र विधायक लल्लू सिंह के पास इस निर्देश के साथ भेजा था कि वे जीप से घूम-घूमकर कारसेवकों से अपील करें। पर कारसेवकों के गुस्से को देख लल्लू सिंह पहले ही मौके से अंतर्ध्यान थे। वे प्रशासन को मिले नहीं।

5.30 बजे कारसेवक बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों की ओर लौट रहे थे। सभी के हाथ में ध्वस्त इमारत की ईंट, बैरिकेडिंग के पाइप और मलबे के टुकड़े थे। कारसेवक विजय के स्मृतिचिह्न ले जा रहे थे।

5.30 बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उ.प्र. की इस्तीफा दे चुकी सरकार को बताया कि सेना तैयार है। सेना का परिवहन जहाज भी अलर्ट की मुद्रा में है। जिलाधिकारी चाहें तो सेना भेजी जा सकती है। गृह मंत्रालय ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि तीन एएन-12 जहाज लखनऊ हवाई अड्डे पर तैयार रखें।

5.40 बजे फैजाबाद के केंद्रीय कैंप में अब तक अर्धसैनिक बलों की माँगवाला कोई पत्र फैजाबाद जिला प्रशासन ने नहीं भेजा था।

6.00 बजे फैजाबाद में अर्धसैनिक बलों के कैंप में एक एडीएम बिना मजिस्ट्रेट के पहुँचे और 50 में से 6 कंपनी सुरक्षा बल अपने साथ ले गए।
6.45 बजे बाबरी ढाँचे के समतल चबूतरे पर एक तंबू में रामलला की मूर्तियाँ रख दी गईं। अस्थायी ढाँचे का निर्माण शुरू कर दिया गया।

7.00 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उ.प्र. सरकार को बर्खास्त करने, विधानसभा भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी।

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