केरल में 241 ईसाई और मुस्लिम लौटे हिन्दू धर्म में
2020 में सबसे ज्यादा लोगों ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया
तिरुअनंतपुरम
केरल में धर्मांतरण के मामलों में रोचक जानकारी सामने आई है। बताया गया है कि अधिकारिक रूप से केरल में 506 लोगों ने धर्मपरिवर्तन किया। इनमें से सर्वाधिक 241 लोगों ने हिन्दू धर्म में वापसी की है। ये आंकड़ा दूसरे धर्मों से ईसाई और मुस्लिम बने लोगों के योग से ज्यादा है। प्रतिशत में देखें तो धर्मांतरण करने वाले 47 प्रतिशत लोगों ने हिन्दू धर्म स्वीकार किया है।
केरल में धर्मांतरण के मामलों की जानकारी इस प्रकार है। 2020 में अधिकारिक रूप से कुल 506 धर्मांतरण हुुए। इसमें से 241 लोगों ने हिन्दू धर्म में वापसी की तो वहीं 114 लोगों ने इस्लाम स्वीकार किया और 119 लोगों ने ईसाइयत को अपनाया है। 32 लोगों ने अन्य धर्म स्वीकार किया है जिनमें प्रमुख रूप से बौद्ध धर्म स्वीकार करने वाले शामिल हैं।
कौन बने हिन्दू
हिन्दू धर्म स्वीकार करने वाले लोगों में सबसे ज्यादा संख्या उन लोगों की है जो कि हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम और ईसाई धर्म में गए थे। बताया जा रहा है कि धर्मांतरण करने वालों में ज़्यादातर लोग दलित ईसाई से हिन्दू बने हैं। उनमें ईसाई चरामर, ईसाई समभाव और ईसाई पुलाया जातियों के लोग अधिक हैं।
जहां तक इस्लाम स्वीकार करने वाले लोगों की बात है तो इनमें से उनमें से 77 प्रतिशत लोग पहले हिन्दू थे। इनमें इज़ावा, थिय्या और नैय्यर जातियों के लोग ज़्यादा हैं। अब इन आंकड़ों की राजनीतिक व्याख्याएं की जा रही हैं।
ये हैं वामपंथी तर्क
खास बात ये है कि इन आंकड़ों को दिखाकर कम्युनिस्ट और कांग्रेसी हिन्दू वादी संगठनों के लव जिहाद और धर्मांतरण के दावे पर प्रश्न उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जब अधिकांश लोग हिन्दू बन रहे हैं तो फिर लव जिहाद जैसी कोई समस्या कहां है। इतना ही नहीं इन आंकड़ों के आधार पर इन लोगों का कहना है कि जो दलित हिन्दू धर्म में लौट रहे हैं वे केवल इसलिए वापसी कर रहे हैं क्योंकि दलित ईसाईयों को आरक्षण नहीं मिलता है। वहीं वे हिन्दू से इस्लाम में जाने वाले लोगों के लिए तर्क दे रहे हैं कि ये लोग हिन्दू धर्म में जातिगत भेदभाव के चलते इस्लाम मेें गए थे।
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