योगी आदित्यनाथ के मंदिर पर हमले के दोषी मुर्तजा अब्बास को फांसी की सजा
आईआईटी से पढ़ा हुआ है हमलावर
लखनऊ।
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी को NIA कोर्ट ने सजा सुना दी है। मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है। मुर्तजा पर UAPA के तहत मामला दर्ज हुआ था और उसे आतंकी माना गया था.। मुर्तजा ने अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर पर हमला किया था।
सोमवार, 30 जनवरी को आतंकी मुर्तजा अब्बासी को कड़ी सुरक्षा में लखनऊ में NIA/ATS की अदालत में लाया गया। सजा सुनाए जाने के बाद यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा, कि इस मामले में लगातार 60 दिन तक रिकॉर्ड सुनवाई हुई, जिसके बाद आज सजा सुनाई गई है। इसमें धारा 121 IPC में फांसी की सजा और पुलिस पर हमला के मामले में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।
ADG ने आगे कहा कि सभी प्रमाणों को कोर्ट के सामने अच्छे से प्रस्तुत किया गया है। कोर्ट ने इनको सही माना है। एडीजी ने कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस की जांच सही थी। देश के खिलाफ जो षड्यंत्र था यूपी पुलिस ने बेनकाब किया है।
अप्रैल 2022 में हुआ था हमला
अप्रैल 2022 में गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात PAC के जवानों पर अहमद मुर्तजा अब्बासी ने धारदार हथियार से हमला किया था और जवानों के हथियार छीनने की कोशिश की थी। जांच में सामने आया कि गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर के पास सिपाहियों पर हमले के मामले का हमलावर नेपाल भी गया था। ATS की जांच से जुड़े अधिकारियों के अनुसार IIT से पढ़ा हुआ मुर्तजा आतंकवादी संगठनों की विचारधारा से प्रभावित था। उसके पास से जिहादी साहित्य और भड़काने वाले ऑडियो और वीडियो भी मिले थे।
परिवार ने बीमार बताया
इस मामले में आरोपी मुर्तजा के पिता ने कहा था कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है। वो स्टेबल नहीं है और अकेला नहीं रह सकता है। मुर्तजा के पिता ने कहा था कि बचपन से ही वो बीमार था, जिसको वो नहीं समझ पाए, लेकिन 2018 में आते-आते इस बीमारी ने भयानक रूप ले लिया। पिता के मुताबिक नौकरी के दौरान भी मुर्तजा 2-2 महीने बिना सूचना के कमरे में ही पड़ा रहता था। वो बिल्कुल स्टेबल नहीं है और उसका इलाज जामनगर अहमदाबाद में चल रहा है। हालांकि कोर्ट ने इस दलील को सही नहीं माना है।
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