मुस्लिम बहुल 12 बूथों पर तो 10 दस वोट भी नहीं मिले भाजपा को
नोटा से भी परहेज किया मुस्लिम मतदाताओँ ने
मध्य प्रदेश के चुनाव परिणामों के बाद से इनके विश्लेषण का दौर चल रहा है। कुछ विशेषज्ञ भारतीय जनता पार्टी की जीत को सनातन की जीत मान रहे हैं तो कुछ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का करिश्मा। कुछ विशेषज्ञ इसका श्रेय लाडली बहना को भी दे रहे हैं। हालांकि जीत के सही सही कारणों को पता चलना इतना आसान नहीं हैं लेकिन चुनाव पर सनातन के असर की चर्चा जोरों पर है और इसके समर्थन में आंकड़ें भी दिए जा रहे हैं कि मुस्लिम मतदाताओं की बहुलता वाले मतदान केन्द्रों पर भाजपा को बहुत कम वोट मिले हैं।
इंदौर की विधानसभा पांच से पांचवी बार जीत दर्ज करने वाले भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र हार्डिया को भी इन क्षेत्रों में आने वाले 12 मतदान केन्द्रों पर दस से भी कम वोट मिले हैं लेकिन पूरी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल के खाते में एक भी बूथ ऐसा नहीं है जहां उन्हें दस से कम वोट मिले हों।
ये है वे बूथ जहां भाजपा को दस से कम वोट मिले
बूथ क्र. 110 सेंट एलॉयसिस स्कूल खजराना रूम नं तीन
भाजपा कांग्रेस
8 524
बूथ क्र.120 मौलाना बरकत फारूकी मेमो एके. खजराना क नं. तीन
भाजपा कांग्रेस
3 497
बूथ क्र.120क मौलाना बरकत फारूकी मेमो. एके. खजराना
भाजपा कांग्रेस
6 477
बूथ क्र.130 रॉकवुड हा. सेके. स्कूल खजराना क.न. तीन
भाजपा कांग्रेस
8 454
बूथ क्र.130क रॉकवुड हायर सेकेंडरी स्कूल खजराना
भाजपा कांग्रेस
8 533
बूथ क्र.142 अलिफ कान्वेंट हाई स्कूल खजराना
भाजपा कांग्रेस
8 427
बूथ क्र.142क अलिफ कान्वेंट हाई स्कूल खजराना
भाजपा कांग्रेस
8 430
बूथ क्र.143 एमजीएन पब्लिक स्कूल खजराना
भाजपा कांग्रेस
5 508
बूथ क्र.322 आई के सेंट मुस्तफा रजा हाई स्कूल मदीना नगर क नं एक
भाजपा कांग्रेस
8 533
बूथ क्र.329 वाटर पंप कम्युनिटी हॉल आजाद नगर कक्ष क्र दो
भाजपा कांग्रेस
9 717
बूथ क्र.330 सर सैयद हा सेकें स्कूल मदीना नगर कमरा नं एक
भाजपा कांग्रेस
8 414
बूथ क्र.331 जेके मेमोरियल हा से. स्कूल सुमति नगर कमरा नं दो
भाजपा कांग्रेस
8 515
12 बूथ पर कुल 87 वोट
विधानसभा पांच में इंदौर जिले में सर्वाधिक मुस्लिम मतदाता हैं। विधानसभा पांच के मुस्लिम मतदाता बहुल बूथों पर कांग्एरेस के पक्ष में एक-तरफा वोटिंग का यह हाल हैं कि केवल इन 12 मतदान केन्द्रों पर भाजपा प्रत्याशी महेन्द्र हार्डिया को केवल 87 वोट मिले। यदि औसत देखा जाए तो एक मतदान केन्द्र पर सात वोट। इसके उलट इन मतदान केन्द्रों पर कांग्रेस प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल को 6029 वोट मिले। यानी केवल इन 12 बूथों पर ही कांग्रेस 5942 वोट से आगे रही। यदि प्रतिशत के हिसाब से देखें तो यहां पर भाजपा को एक प्रतिशत से थोड़े ज्यादा वोट ही मिले हैं।
पांच बनाम 65
को हिन्दू बहुसंख्यक वर्ग के मतदाताओं वाले क्षेत्रों में केवल पांच ऐसे बूथ हैं जहां पर कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को दहाई अंकों में वोट मिले हैं। दरअसल ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि इन मतदान केन्द्रों पर कुल मतदान पांच सौ से कम हुआ है। इनमें तीन बूथ पर तो मतदान तीन सौ वोट से भी कम रहा है। इसके उलट मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में 65 मतदान केन्द्र ऐसे हैं, जहां भाजपा प्रत्याशी हार्डिया को दहाई अंकों में वोट मिले हैं। इसका निष्कर्ष ये है कि मुस्लिम केवल कांग्रेस को वोट को वोट देते हैं जबकि बहुसंख्यक ऐसा नहीं करते। इस विधानसभा में पीएफआई की राजनीतिक शाखा माने जाने वाली एसडीएफ और औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी भी थे लेकिन मुस्लिम मतदाताओं ने उन्हें वोट नहीं किया क्योंकि वे भाजपा को हराने की स्थिति में नहीं थे।
अल्पसंख्यक नहीं दबाते नोटा
इतना ही नहीं इस विधानसभा में नोटा को लेकर भी अलग ट्रेंड देखने में आता है। यहां पर कुल 38 मतदान केन्द्र ऐसे हैं जिनमें एक भी मतदाता ने नोटा का ब़टन नहीं दबाया है। इनमें भी 21 ऐसे बूथ अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में हैं। यानी कि यहां के मतदाता सीधे ही निर्णायक मतदान करते हैं, यानी कि वे ये सुनिश्चत करते हैं कि उनका वोट सीधे परिणाम तय करने वाला हो। हालांकि इस बार पूरे प्रदेश में नोटा का उपयोग घटा है लेकिन इस मामले में भी अल्पसंख्यक मतदाता वाले बूथ आगे हैं।
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