धारा 370 हटने के बाद 25000 गैर कश्मीरी बनें कश्मीर के मूल निवासी
35 ए के चलते इन लोगों को नहीं मिल रहे थे नागरिक अधिकार
नई दिल्ली.
कश्मीर से धारा 370 और 35 ए हटाए जाने का असर अब दिखने लगा है। जानकारी के अनुसार इसके बाद से लगभग 25 हजार गैर कश्मीरियों को कश्मीर के मूल निवासी का प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका है। यानी की अब देश के अलग-अलग प्रांतों के 25 हजार निवासियों को कश्मीर की नागरिकता मिल चुकी है। ये कमाल धारा 35 ए के हटाए जाने का है। क्योंकि यही वो धारा थी जो कि अन्य प्रदेश को निवासियों को कश्मीर में नागरिक अधिकारों से रोकती थी।
यह आंकड़ें अरब न्यूज चैनल अल-जजीरा ने सार्वजनिक किए हैं। इस चैनल के अनुसार मई 18 से अब तक 25 हजार गैर कश्मीरियों को कश्मीर का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र (डोमिसाइल सर्टिफिकेट) जारी किए गए हैं। दरअसल ये वे आंकड़ें हैं जिनके आधार पर चैनल ने एक खबर की है। जिसमें कहा गया है कि कश्मीरी मुसलमानों को कश्मीर की डेमोग्राफी बदल दिए जाने का डर सता रहा है।
डोमिसाइल प्रमाणपत्र मिल जाने के बाद इन लोगों को कश्मीर में कश्मीरी लोगों के समान अधिकार मिल गए हैं। अब वे नौकरी और कश्मीर में नागरिक अधिकारों के मामले में कश्मीरियों की बराबरी पर आ गए हैं। पिछले साल जब कश्मीर में धारा 35ए को समाप्त किया गया था उसके बाद कश्मीर का विशेष नागरिकता अधिनियम जिसमें कश्मीरियों को विशेष अधिकार मिले हुए थे, वे समाप्त हो गए हैं। इस कारण से इन 25 हजार लोगों को कश्मीर का स्थाई निवासी माना गया है।
इन आंकड़़ों से हो रहा विरोध
इस शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन ने कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत को कश्मीरी लोगों के अधिकारों की पुर्नस्थापना के लिए उचित व्यवस्था करना होगी। उन्होंने ये भी कहा कि विरोध की आवाज को दबाना और इंटरनेट को बंद या धीमा करना कश्मीर में लोकतंत्र को कमजोर करेगा। मामला स्पष्ट है कि बिडेन राष्ट्रपति चुनाव में मुस्लिम वोटों के लिए दाव चल रहे है। इसका सीधा मतलब ये है कि भारतीयों के वोट एक बार फिर डोनॉल्ड ट्रंप को जा सकता है।
कश्मीर फिलीस्तीन बन रहा है
अल जजीरा ने इस मामले में एक पक्षीय रिपोर्ट करते हुए एक कश्मीरी के हवाले से लिखा है कि कश्मीर फिलीस्तीन बनता जा रहा है। चैनल ने बदर उल इस्लाम शेख नामक कश्मीरी के हवाले से लिखा है कि जिस हिसाब से गैर कश्मीरियों को डोमिसाइल सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं, उसे देखते हुए लग रहा है कि एक दिन सबकुछ खत्म हो जाएगा और ये कश्मीर के फिलीस्तीन बनने की शुरुआत है। यानी कश्मीर में अशांति फैलाने की बात की जा रही है।
अब ये पा सकते हैं मूल निवासी प्रमाण पत्र
धारा 35 ए हटाए जाने के बाद ऐसा प्रत्येक व्यक्ति कश्मीर का मूल निवासी माना जाएगा जो या तो राज्य में 15 वर्ष रहा हो या फिर उसने कम से कम सात साल कश्मीर में पढ़ाई की हो तथा दसवीं और बारहवी कश्मीर से पास की हो या फिऱ ऐसे सरकारी कर्मचारी जिन्होंने कम से कम दस साल तक राज्य में काम किया हो।
इस आधार पर ही प्रदेश के 66 में से 38 ब्यूरोक्रेट कश्मीर का मूल निवासी होने के पात्र हो चुके हैं। इन्हीं में से एक बिहार के नवीन कुमार चौधरी ने अपना डोमिसाइल प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया था।
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