पाकिस्तान में एक और हिन्दू लड़की की जबरन धर्म परिवर्तन के बाद शादी!
सीएए का विरोध कर रहे लोगों और नेताओं को देना चाहिए जवाब कि सीएए सही या गलत
दिल्ली
पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर भारत आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के बीच ही पाकिस्तान में एक बार फिर हिन्दू लड़की के अपहरण और उसके जबरन निकाह करा दिए जाने की खबर मिली है। सीएए के विरोधियों को इस मामले में जवाब देना चाहिए कि सीएए किस तरह से गलत है।
पाकिस्तान में आए दिन हिन्दू और सिख लड़कियों को अपहरण के बाद धर्म परिवर्तन करा के जबरन शादी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बार कराची के डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (DHA) इलाके से 13 दिसंबर को लापता हुई 22 वर्षीय लड़की महक केसवानी को लेकर भी ऐसी ही आशंका जताई जा रही है।
सोशल मीडिया पर महक का एक वीडियो आने केबाद ऐसी आशंकाओं को बल मिला है। वीडियो बयान को उर्दू और सिंधी में रिकॉर्ड किया गया है। इसमें वो कह रही है कि उसने अपने सहपाठी अशर के साथ निकाह कर लिया है। वीडियो में अशर भी उसके साथ बैठा दिखाई दे रहा है। पाकिस्तान में पहले भी हिन्दू लड़कियों के साथ ऐसा ही घटनाक्रम होने के बाद उनके वीडियो बयान सामने आए हैं। बहुत संभव है कि ये बयान उनसे दबाव डालकर दिलवाए गए हों। पूरे मामले की सबसे खास बात ये है कि महक का धर्मांतरण और निकाह सिंध प्रांत के घोटकी ज़िले के धैरकी के पास बरचुंडी शरीफ़ दरगाह पर हुआ है। ये दरगाह और इसका संचालक मियां मिटठू धर्मांतरण के लिए जाने जाते हैं। मियां मिट्ठू के भतीजे मियां जावेद ने ही महक को पहले इस्लाम कबूल कराया और फिर अशर के साथ निकाह कराया।
पहले भी मियां मिट्ठू का नाम धर्म परिवर्तन के कई मामलों में आ चुका है। बताया जाता है कि पहले हिन्दू लड़कियों का स्थानीय मस्जिद में धर्म परिवर्तन कराने के बाद मुस्लिम शख्स से शादी कराई जाती है और फिर पंजाब (पाकिस्तान) के विभिन्न शहरों में रहने के लिए भेज दिया जाता है। साथ ही उन शहरों की मस्जिदों के जरिए उन पर आगे भी नजर रखी जाती है। महक को भी अशर के साथ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत भेज दिया गया है।
महक के घरवालों ने 13 दिसंबर को डिफेंस पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में महक के चाचा डॉ सिरी चंद ने उसके अगवा होने की आशंका जताई थी। डॉ सिरी चंद के मुताबिक पुलिस ने इस मामले में सही से काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि ना तो उन्हें कोई फोन आया और ना ही उनसे कोई फिरौती की मांग की गई। अभी तक उसे अशर और महक का कोई सुराग नहीं मिल सका है।
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