चीन और पाक की मिलीभगत, दोनों सीमाओं पर एक साथ तनाव
लद्दाख सीमा पर तनाव बढ़ा, भारत ने बढ़ाएं सैनिक, एलओसी पर पाकिस्तान भी कर रहा गोलीबारी
नई दिल्ली
दो दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन मिलकर कोरोना महामारी के समय सीमा पर भारत को घेरने की प्रयास मे लगे हैं। जहां लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत-चीन के सैनिकों के बीच तनाव और झड़पें बढ़ती जा रही हैं वहीं पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर गोलीबारी की जा रही है। भारतीय सेना दोनों मोर्चों पर जमकर जवाब दे रही है।
लद्दाख सीमा पर चीन पैंगोंग सो झील से सटे फिंगर एरिया में बंकर बना रहा है तो गलवान रिजन में 3 जगहों पर वह भारतीय क्षेत्र में आ घुसा है और उसने वहां अपने टेंट लगा लिए हैं।
उधर पिछले कुछ समय से आंतकी गतिविधियां भी बढ़ी हैं। ये धारा 370 हटने के बाद की पहली गर्मी है। पाकिस्तान पीओके में चुनाव कराने की तैयारी कर रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों को मानना है कि एलओसी तथा एलएसी पाकिस्तान और चीन का एक साथ मोर्चा खोलना संयोग नहीं है, बल्कि यह एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। यह बड़ा षड्यंत्र प्रतीत होता है अतीत में चीन की कुटिलताओं को देखते हुए इसकी आशंका ज्यादा है। एलओसी और एलएसी पर हो रही गतिविधियों पर पाकिस्तान और चीन में तालमेल दिख रहा है और इसे संयोग कहकर खारिज नहीं किया जा सकता। जानें : बाबर नाम का आदमी कभी अयोध्या नहीं आया
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इन गतिविधियों की बारीकी से निगरानी कर रही हैं। सभी बॉर्डर पर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है ताकि अगर दोनों पड़ोसी मिलकर कोई हरकत करें तो उससे निपटा जा सके। रक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़े सूत्रों ने बताया लद्दाख के गलवान में पहले से ज्यादा भारी सैन्य वाहनों के दिखने के बाद से ही तनाव बना हुआ है।
करगिल के समय भी चीन ने ऐसा ही किया था
कारगिल के समय भी जब भारतीय सेना पाकिस्तान से लोहा ले रही थी उस समय भी चीन मौके का फायदा उठाकर पैंगोंग सो झील के किनारे 5 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में जुट गया था। चीन ने इस मौके का फायदा उठाते हुए रेकॉर्ड समय में झील के किनारे पट्रोलिंग के लिए ट्रैक बना लिया। इस बार भी ऐसा ही कुछ लग रहा है।
इस बीच चीन द्वारा भारतीय सैनिकों को हिरासत में लेकर छोड़ने का दावा किया था। भारतीय सेना के सूत्रों ने इसका खंड़न किया है। आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरावणे ने भी शुक्रवार को 14 कॉर्प्स के लेह स्थित मुख्यालय का दौरा किया और एलएसी पर विवादिस्त स्थल समेत पूरे इलाके की सुरक्षा हालात की समीक्षा की। भारतीय सेना भी त्सो लेक और ग्वालन वैली, दोनों जगहों पर चीनी टुकड़ियों की बराबरी में सैन्य टुकड़ियां भेज रही है। इलाके के कई अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भारत की स्थिति चीन से बेहतर है।
कई बार भिड़े दोनों के सैनिक
दोनों पक्षों के बीच पहली झड़प 5 मई को पूर्वी लद्दाख में हुई थी जब लगभग 250 चीनी और भारतीय सैनिकोभिड़ गए थे। ये झड़प अगले दिन तक जारी रही थी। बाद में दोनों ओर के लोकल कमांडरों की मीटिंग हुई और दोनों तरफ के सैनिक पीछे हटे। दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से प्रहार के साथ-साथ पत्थरबाजी भी की थी। इस हिंसक झड़प में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिक जख्मी हो गए थे। उसके बाद 9 मई को सिक्किम में यही घटना दुहराई गई।
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