![13 आतंकी देने वाला शोपियां का मदरसा जांच एजेंसी के निशाने पर](https://ekatmabharat.com/wp-content/uploads/2020/10/terrorism-800x600.jpg)
13 आतंकी देने वाला शोपियां का मदरसा जांच एजेंसी के निशाने पर
पुलवामा हमले का आतंकी सज्जाद भट भी इसी मदरसे से पढ़ा था, तीन शिक्षक गिरफ्तार
श्रीनगर.
कश्मीर में जांच एजेंसियां एक ऐसे मदरसे की जांच कर रही हैं जहां से अब तक 13 आंतकी पढ़कर निकले हैं। ये मदरसा शोपियां जिले में स्थित है। इसमें पढ़ने वाले छात्र दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा और अनंतनाग जिलों से हैं। खुफिया एजेंसियां इन क्षेत्रों को आतंकवाद के लिहाज से संवेदनशील मानती हैं। कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकी इन्हीं जिलों के हैं। इसके चलते उन्होंने इस मदरसे को जांच के दायरे में लिया है। इस मदरसे का नाम सिराज उलूम ईमाम साहिब है। ये जमात-ए-इस्लामी से संबंधित हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सोमवार को कहा कि इसने शोपियां जिले में मदरसे के तीन शिक्षकों पर कड़े जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत मामला दर्ज किया है। केवल यहां से पढ़े 13 विद्यार्थी आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं, ऐसा नहीं है। यहां के कई छात्र ओवरग्राउंड वर्कर, पथराव, हालात बिगाड़ने और कानून व्यवस्था बिगाड़ने में संलिप्त भी पाए गए हैं। वर्ष 2019 में पुलवामा में आत्मघाती हमले में शामिल आतंकी सज्जाद भट ने भी इसी स्कूल से पढ़ाई की थी।
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ये हैं यहां के “होनहार” छात्र
इस साल अगस्त में मारा गया अल बदर का कमांडर जुबेर नेगरू भी इसी मदरसे का था। जांच एजेंसियों की आतंरिक रिपोर्ट के अनुसार, 13 आतंकी और सैकड़ों ओवरग्राउंड वर्कर इसी स्कूल के छात्र रहे हैं। हाल ही में बारामुला का एक युवक भी स्कूल से वापस घर आते समय गायब हो गया था। बाद में पता चला कि वह आतंकी संगठन में शामिल हो चुका है। भट और नेगरू के अलावा हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी नजमीन नजीर डार, एजाज अहमद पाल इसी स्कूल से पढ़े हैं। चार अगस्त को शोपियां में हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था।
ये हैं होनहार गुरू
मदरसे के तीन मौलवी अब्दुल अहद भट, रउफ भट और मोहम्मद युनूस वानी पर पीएसए के तहत मामला दर्ज किया है। यहां के करीब आधा दर्जन अन्य शिक्षकों पर नजर रखी जा रही है।
जे एंड के पुलिस के आईजीपी ने कहा, स्कूल के पांच-छह मौलवियों नजर है (सीआरपीसी की धारा 107 के तहत)। फिलहाल हम व्यक्तियों पर कार्रवाई कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर हम मदरसे के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 107 किसी तरह की शांति भंग होने की आशंका से जुड़ी हुई है।
आतंकियों को हीरो की तरह पेश करते हैं
इस तरह के मदरसों में हिजबुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मुहम्मद, अल बदर, लश्कर जैसे आतंकी संगठनों से जुड़े आतंकियों का आना भी होता है। ये लोग मारे गए आतंकियों को हीरो की तरह पेश करते हैं। इसका असर विद्यार्थियों के दिमाग पर विपरीत पड़ता है। यही नहीं कई विद्यार्थी पत्थरबाजी जैसी घटनाओं में शामिल हैं। यह भी सरकार और सुरक्षाबलों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। कई मामलों में पता चला है कि इस तरह के स्कूल छात्रों को आतंकी समूहों में शामिल होने के लिए उकसा रहे हैं।
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तेलंगाना तक से छात्र आते रहे
धारा 370 हटने के पहले भले ही कश्मीर में देश के दूसरे हिस्सों के लोगों की आवा जाही पर रोक रही हो लेकिन इस मदरसे में तेलंगाना तक के छात्र पढ़ने आते थे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश और केरल से भी कईं छात्र यहां पढ़ाई करने आते थे। हालांकि धारा 370 के हट जाने को बाद यहां पर इन राज्यों से छात्रों का आना बंद हो गया है। फिलहाल पुलिस यहां के मौलवियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। अभी मदरसे पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
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