राम मंदिर ट्रस्ट में भाजपा का कोई पदाधिकारी नहीं होगा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा, संतों ने किया घोषणा का स्वागत
अयोध्या
उत्तर प्रदेश में अयोध्या के संत और मुस्लिम पक्षकारों ने केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान का स्वागत किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में बीजेपी का कोई पदाधिकारी शामिल नहीं होगा। इस तरह से भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि अब मंदिर समाज और संतों के पास रहेगा और भाजपा का इस पर कोई नियंत्रण नहीं रहेगा।
संतों का कहना है कि अमित शाह ने यह बयान सोच समझकर दिया है। संतो ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि राजनीतिक लोग मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट से यदि दूर रहते हैं, यह बात दूरगामी दृष्टि से कही गई है। अयोध्या के संतों की मांग है कि राम मंदिर का निर्माण में धार्मिक सच्चरित्र और सद्भाव को बढ़ावा देने वाले लोग ट्रस्ट में शामिल हों। उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग रामलला को समर्पित हैं, उन पर भी ध्यान देना चाहिए।
रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि अमित शाह का बयान स्वागत योग्य है. राम मंदिर के लिए जो भी ट्रस्ट बने उसमें बुद्धिजीवी और समझदार लोग शामिल हों क्योंकि ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. वहीं अयोध्या संत समिति के कन्हैया दास ने कहा कि समिति अमित शाह के कथन का स्वागत करती है. उन्होंने सोच-समझकर ये कहा है। ये अच्छी बात है कि गैरराजनीतिक लोग राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट में शामिल किए जाएं। उन्होंने कहा कि रामलला की सेवा में अपना जीवन लगा देने वाले बहुत से भक्त हैं, जिन पर भी विचार किया जाना चाहिए।
मामले में अयोध्या केस के मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि जो लोग श्रद्धा से भगवान राम की बात मानते हैं, चाहते हैं। हम भी चाहते हैं कि खूबसूरत भव्य मंदिर बने। भगवान के बताए रास्ते पर चलें। मंदिर पर राजनीति न करें, कोई फायदा नहीं होगा। ये धर्म का मामला है, इसमें राजनीति मिली तो मंदिर निर्माण का कार्य लटक जाएगा। आंदोलन से जुड़े रहे राम विलास वेदांती ने भी इसका स्वागत किया है।
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