एक मंदिर के लिए आईएसआईएस से लोहा ले रहा गजनी में पैदा हुआ राम
गजनी (अफगानिस्तान).
उनका नाम राजाराम है और वह गजनी में पैदा हुए हैं। हाल ही में यहां पर एक गुरुद्वारे में 27 सिखों की हत्या आतंकी संगठन आईएसआईएस में कर दी। उसके बाद से वह इलाके में रहने वाले हिंदू और सिख पलायन कर गए हैं लेकिन राजाराम वहीं डटे हुए हैं। उनकी पत्नी और बच्चे भारत आ गए हैं लेकिन राजाराम का कहना है कि वह आखरी सांस तक गजनी में रहेंगे क्योंकि वहां पर उनके पुरखों का मंदिर है और वह उस मंदिर को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
ऐसा नहीं है कि राजा राम को कोई खतरा नहीं है। गुरुद्वारे पर हमला कर 27 सिखों की हत्या करने वाले आतंकी संगठन आईएसआईएस ने उन्हें भी धमकी दी है। लेकिन राजाराम अपने भगवान के लिए जान देने को भी तैयार हैं। अफगानिस्तान के गजनी में बचे एकमात्र मंदिर की पूजा पाठ के लिए राजाराम अफगानिस्तान में ही रह गए हैं और उधर उनकी पत्नी चार बच्चों के साथ भारत आ गई हैं और वह दिल्ली में शरणार्थी शिविर में रह रही हैं।
क्या आपने हिंदुत्व के लिए किसी को इतना समर्पित कभी देखा है? राजाराम चाहते तो अपने मंदिर को भगवान भरोसे छोड़ कर आ सकते थे लेकिन उन्होंने पलायन नहीं किया।
यह मेरा देश है
ऐसा नहीं है कि राजा राम के बारे में अफगानिस्तान की सरकार को कुछ नहीं पता है। हाल ही में अफगानिस्तान के रेडियो ने उनसे बात की। उस इंटरव्यू में राजाराम ने कहा यह मेरा देश है और मैं अपने पुरखों के मंदिर और भगवान को छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा। हां बेहतर भविष्य के लिए मैंने अपनी पत्नी और बच्चों को हिंदुस्तान भेज दिया है।
इस इंटरव्यू में राजाराम ने स्वीकार किया कि कई बार अनजान लोग आकर उन्हें धमकाते हैं और मंदिर तथा घर खाली करने के लिए कहते हैं लेकिन राजाराम किसी से नहीं डरते अपने लिए स्वयं खाना बनाते हैं साथ ही अपने भगवान के लिए भोग भी। उनका कहना है कि यह मेरा शहर है, मेरा मोहल्ला है, सभी लोग खराब नहीं हैं। दिक्कत केवल आतंकवाद और आईएसआईएस से है।
बच्चों से नहीं कह सकता कि तुम्हें बुला लूंगा
राजाराम सप्ताह में एक बार अपनी पत्नी और बच्चों से फोन पर बात करते हैं। वे कहते हैं कि मैं चाहकर भी अपने बच्चों से यह नहीं कह पाता कि मैं तुम लोगों को वापस बुला लूंगा। राजाराम इस स्थिति के बाद भी किसी धर्म की बुराई नहीं करते। लेकिन वे चाहते हैं कि जल्द ही सब कुछ ठीक हो जाए।
एनबीटी से साभार
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अगर हम नहीं जगे तो हमारा वह खो जाएगा जिसकी हमने कल्पना तो की है अभी समाधान नहीं किया है
जागो और समाधान में सामिल हो जायो