मोदी सरकार ने दिया कश्मीरी पंडितों को कॉलेज एडमिशन में आरक्षण
कश्मीरी पंडितों और हिन्दुओं को नहीं देने होंगे डोमिसाइल प्रमाण पत्र
एकात्म भारत, नई दिल्ली
सरकार ने लंबे समय से शरणार्थी बनकर रह रहे कश्मीरी पंडितों को उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए आरक्षण दिया है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन ( AICTE) में गुरुवार को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थानों नें इन शरणर्थियों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। इस आरक्षण का लाभ कश्मीर में रह रहे हिन्दू विद्यार्थी भी उठा सकेंगे। इसके साथ ही AICTE ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि कश्मीरी हिन्दुओं को प्रवेश के लिए कट ऑफ अंकों में भी दस प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
उच्च शिक्षण संस्थानों में कश्मीरी छात्रों के लिए यह आरक्षण व्यवस्था पहले भी प्रचलित थी लेकिन इसका लाभ कश्मीरी पंडितों और अन्य कश्मीरी हिन्दुओं को नहीं मिलता था। इसके पीछे कारण यह था कि इस प्रवेश के लिए कश्मीर के डोमिसाइल प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती थी। कश्मीरी पंडित घाटी से पलायक को मजबूर कर दिए गए थे इसके चलते उनके पास डोमिसाइल प्रमाण पत्र नहीं होता था। वहीं कश्मीर में रह रहे अन्य हिन्दुओं के लिए डोमिसाइल लेना बड़ी तेड़ी खीर था। इसके चलते इस आरक्षण का लाभ केवल एक वर्ग विशेष को ही मिल रहा था।
शरणार्थियों को नहीं लगेगा डोमिसाइल
AICTE द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि शरणार्थी के रूप में रह रहे कश्मीरी पंडितों को इस आरक्षण के लिए डोमिसाइल प्रमाण पत्र नहीं देना पड़ेगा लेकिन कश्मीर में रहने वाले अन्य हिन्दुओं को डोमिसाइल प्रमाण पत्र देना होगा। इसके बिना वे आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेंगे। ये नए नियम शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से प्रभावी होंगे।
यहां मिलेगा लाभ
आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए AICTE ने कॉलेजों को CAT, XAT, CMAT,ATMA, MAT,GMAT सहित अन्य प्रवेश परीक्षाओं में एडमिशन देने की अनुमति दी है। इसका अर्थ ये है कि कश्मीरी पंडित और हिन्दू इसके माध्यम से आईआईएम जैसे संस्थानों में प्रवेश पा सकेंगे। इसके अलावा उन्हें कई जाने-माने संस्थानों में प्रवेश लेने में आसानी होगी।
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