“तबलीगी जमात ने जानबूझकर फैलाया कोरोना’’
ऑस्ट्रेलियन वेबसाइट ने इमाम तौहीदी के हवाले से कहा
कहां -“जमात का लंबे समय से है पाकिस्तानी आतंकी संगठन हरकत उल मुजाहीदीन के साथ संबंध”
निजामुद्दीन मरकज में रहे तबलिगीयों के कोरोना वायरस के वाहक होने के बाद से इस बात पर बहस चल रही है कि क्या इस काम को योजनाबद्ध तरीके से किया गया या फिर ये एक दुर्घटना है? इसी बीच ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स ने एक ऑस्ट्रेलियाई ईमाम के हवाले से लिखा है कि तबलीगी जमात ने जानबूझकर कोरोना फैलाने की कोशिश की है। ऑस्ट्रेलियाई ईमाम तवाहिदी के ट्वीट को आधार बनाकर कहा गया है कि जमात के हरकत-उल-मजाहीदीन जैसे पाकिस्तानी आतंकी संगठनो के साथ पुराने संबंध हैं।
भारत में कोरोना वायरस के कहर के पीछे जमातियों को कारण माना जा रहा है। निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद से ही देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। इसके साथ ही ऐसे मामले भी सुनने में आए हैं जिसमें की जमातियों ने ईलाज करने वाले चिकित्सकों के साथ दुर्व्यवहार किया है। इंटरनेशलन बिजनेस टाईम्स ने भी दुनिया में हुई इस तरह की हरकतों को बताया है। इसमें थाईलैंड का उदाहरण देते हुए बताया है कि किस तरह से जमात के एक कार्यकर्ता ने ट्रेन में मरने से पहले यहां वहां थूका था।
ईरानी मूल के ऑस्ट्रेलियन इमाम तौहिदी ने ट्वीट किया था कि
Tablighi Jamaat is believed to be the biggest carrier of Coronavirus in India. It has had a long history of ties with Pakistani terrorists like Harkatul-Mujahideen. They are deliberately spreading coronavirus thinking it doesn’t harm Muslims. Close their centers and lock them up!9:41 AM · Apr 3, 2020
https://twitter.com/Imamofpeace/status/1245926994132357122
इसके अलावा भी यह बहस चल रही है कि क्या तबलिगीयों ने कोरोना वायरस को फैलाने का काम जान बूझकर किया है? इस मामले में सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है और सोशल मीडीया पर कोरोना जिहाद ट्रेंड करने लगा था। उन कारणों को भी गिनाया गया था कि जिनके आधार पर इसें सोची समझी साजिश बताया गया था।
इसे साजिश बताने वालों का कहना था कि
- कोरोना को लेकर लॉक डॉउन होने के बाद लाखों श्रमिकों ने एक स्थान से दूसरे स्थान पलायन किया। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं किया गया, फिर भी अभी तक देश में एक भी ऐसा मामला सामने नहीं आया है कि इन श्रमिकों ने कोरोना फैलाया हो लेकिन मुट्ठीभर जमातियों के इक्ट्ठा होने के बाद भी कोरोना फैला।
- 16 मार्च को दिल्ली सरकार ने 50 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी लेकिन मरकज में सैकड़ों लोगों ने दिल्ली सरकार के निर्देश की परवाह नहीं की। यहां तक कि रेलों का आवागमन 22 मार्च यानी जनता कर्फ्यू तक चलता रहा।
- जमातियों का बार-बार आग्रह के बाद भी कोरोना की जांच के लिए सामने नहीं आना उल्टे जो जमाती अस्पतालों में रखे गए हैं, उनके द्वारा दुर्व्यवहार किये जाने के मामले सामने आए। गाजियाबाद में तो नर्सों ने इसकी लिखित शिकायत भी की।
- 27 फरवरी से एक मार्च तक मलेशिया में तबलीगी जमात का एक आयोजन हुआ था जिसमें भारत सहित कईं देशों के 16000 जमाती एकत्रित हुए थे। इसके बाद ही मार्च के पहले सप्ताह में ही मलेशिया में इसमें भाग लेने वाले व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी और कईं कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे लेकिन इससे भी निजामु्द्दीन मरकज के आयोजकों ने कोई सबक नहीं सीखा।
हालांकि जमात ने इस बात का खंडन किया है कि वे जान बूझकर दिल्ली में रुके रहे। उनका कहना है कि उन्होंने इस मामले में दिल्ली पुलिस और प्रशासन से संपर्क किया था लेकिन दोनों ने इस बात का जवाब नहीं दिया। हालांकि उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि जब दिल्ली सरकार ने 16 मार्च को ही 50 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दी थी और रेल यातायात 21 मार्च तक जारी था तो वे किस अनुमति की प्रतीक्षा कर रहे थे।
2 Comments
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Kamal ki jankari aakhi khol di
देश मे तेजी से कोरोना फैलाने में ये पूरी तरह से जिम्मेदार है,,,वरना स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिस के साथ दुर्व्यवहार न होता