मुस्लिम चरमपंथी कर सकते हैं लोन वोल्फ अटैक (Lone Wolf Attack), यूएन ने दी चेतावनी
अतीक-ए-रसूल के नाम पर पाकिस्तान की सरकार कर रही विरोध का आयोजन
वाशिंगटन.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मेक्रोन के बयान के बाद मुस्लिम देशों से जो प्रतिक्रियाएं आ रही हैं उसके आधार पर संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) ने फ्रांस में शिक्षक सैमुएल पेटी पर हुए एकाकी हमले जिन्हें कि लोन वोल्फ अटैक (Lone Wolf Attack) कहा जाता है, के बढ़ने की आशंका जताई है। संयुक्त राष्ट्र संघ के बचाव व सुरक्षा विभाग ने इस बारे में एडवायजरी जारी की है। विशेषकर फ्रांसीसी नागरिकों को अपने आसपास के माहौल के प्रति सजग रहने को कहा है।
एडवायजरी में भारत का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत में सोशल मीडिया पर बड़े फ्रांस के समर्थन में एकजुटता दिखाई गई थी। इसके चलते भारत को भी सावधान रहने की आवश्यकता है।
ये कहा गया है कि हमले का जोखिम उन व्यावसायिक और शैक्षणिक संस्थानों में भी है जो कि फ्रांस से जुड़ी हुई हैं। इसमें भी चिंता इस बात की जताई गई है कि केवल फ्रेंच भाषा के आधार पर किसी भी व्यक्ति को फ्रांसीसी न मान लिया जाए क्योंकि दुनिया में फ्रेंच कई देशों में बोली जाती है।
ये मुस्लिम देश कर रहे माहौल खराब
यूएन की खतरे और जोखिम का आंकलन करने वाली सेवा ने कहा है कि मुस्लिम देशों में पश्चिमी देशों के लिए विरोध बढ़ता जा रहा है। इन देशों में प्रमुख रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, किर्गीज रिपब्लिक और इंडोनेशिया के नाम लिए गए हैं। अल कायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे चरमपंथी संगठन खुलेआम फ्रांस के खिलाफ हमले के लिए लोगों को उकसा रहे हैं।
पाकिस्तानी पीएम भी पीछे नहीं
इसमें विशेष रुप से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का उल्लेख किया गया है। इमरान ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति मेक्रोन पर इस्लाम पर हमला करने का आरोप लगाया। इमरान ने यह भी कहा है कि मेक्रोन दुनिया में ध्रुवीकरण कर रहे हैं जिससे कि कट्टरता बढ़ रही है। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम फोबिया फैलाने का आरोप भी लगाया है।
पाकिस्तान के धार्मिक मंत्रालय ने 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक अतीक-ए-रसूल (Love for Prophet Muhammad) मनाने की घोषणा की है। इन आयोजनों को सरकारी प्रदर्शन माना जा सकता है। इसमें छोटी से लेकर बड़ी संख्या में भीड एकत्रित होगी जिसमें इस्लाम की बात होगी तथा फ्रांस का विरोध किया जाएगा।
भारत कर रहा है फ्रांस का समर्थन
इस मुद्दे भारत ने फ्रांस का समर्थन किया है। भारत ने मेक्रोन के खिलाफ जिस भाषा का उपयोग किया जा रहा है उस पर विरोध जताया था। साथ ही कहा था कि वो सेमुएल पेटी की हत्या की निंदा करता है। यूएन की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख भी किया गया है कि भारत में भी ट्वीटर पर बड़े पैमाने पर #IStandWithFrance हैशटैग चलाया गया था। यानी कि भारतीयों को भी सावधान रहने की आश्यकता है।
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