![तुम्हारे पास पैसा और पावर है, इसे हिंदुओं के खिलाफ इस्तेमाल करो](https://ekatmabharat.com/wp-content/uploads/2020/06/delhi-roits1.jpg)
तुम्हारे पास पैसा और पावर है, इसे हिंदुओं के खिलाफ इस्तेमाल करो
मामला दिल्ली दंगों का, आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को बोला था आम आदमी पार्टी नेता खालिद सैफी
नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने फरवरी में हुए दंगों के मामले में एफआईआर 59 में कोर्ट में चार्ज शीट पेश की है। इसमें चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। इनको पढ़ने से पता चलता है कि दंगाईयों के मन में कितनी नफरत थी और इसकी तैयारी किस स्तर पर की गई थी।
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एफ आई आर 59 दिल्ली पुलिस ने जो चार्जशीट कोर्ट में पेश की है। इसमें नेहरू नगर से आम आदमी पार्टी के पार्षद रहे ताहिर हुसैन ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि उसे आम आदमी पार्टी के नेता खालिद सैफी ने कहा था कि तुम्हारे पास पैसा और पाॅवर दोनों हैं। उसे हिंदुओं के खिलाफ इस्तेमाल करो। हुसैन ने माना कि वो सैफी की आम आदमी पार्टी में पहुंच को देखते हुए वो उससे विधायक का टिकट दिलाने के लिए मिला था।
इतना ही नहीं हुसैन ने स्वीकार किया है कि सैफी ने उसे यह भी कहा था कि तुम्हारा घर इलाके में सबसे ऊंचा है। इसके चलते दंगों में इसका उपयोग किया जा सकता है। हुसैन ने बताया कि सैफी ने मुझसे धीरे-धीरे कांच की बोतल, पत्थर, पेट्रोल और तेजाब इकट्ठा करने को कहा था। आम आदमी पार्टी पहले हुसैन का बचाव करती रही लेकिन बाद में उसे पार्टी से निकाल दिया गया।
ट्रंप की यात्रा के दौरान करना था बवाल
हुसैन ने पुलिस के सामने यह भी स्वीकार किया है कि खालिद सैफी ने उससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान कुछ बड़ा करने की बात कही थी ,जिससे कि सरकार हिल जाए। इतना ही नहीं उसने यह भी बताया है कि सेक्सी उसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ऑफिस ले गया था और वहां पर उसने हुसैन की मुलाकात जेएनयू के छात्र उमर खालिद से कराई थी। सैफी ने यह भी कहा था कि हिंदुओं के खिलाफ हमारी लड़ाई को पीएफआई फाइनेंस करेगा।
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हिंदू को मारकर नाले में फेंका
हुसैन ने यह भी बताया कि खालिद के निर्देश पर उसने 24 फरवरी को अपने घर में आसपास के लोग इकट्ठा करने शुरू कर दिए थे। इसके पहले उसने अपनी पत्नी और बच्चों को उसके पिता के घर पर भेज दिया था। हुसैन ने यह भी बताया कि 25 तारीख को उसने बहुत सारे युवा अपने घर में इकट्ठा किए थे। जिन्होंने एक हिंदू को पकड़ लिया और उसकी डंडों से पिटाई की बाद में हुसैन के निर्देश पर युवाओं ने उसकी लाश को नाले में फेंक दिया। उसने कहा कि उसने इस पूरे दंगे को फाइनेंस करने के लिए डेढ़ करोड़ रूपया अपनी कंपनियों से निकाला और इस्तेमाल किया ऐसा इसलिए किया गया ताकि दंगों के लिए लाए गए पैसे को कोई ट्रेस ना कर पाए।
दंगों के लिए मिले थे 1.61 करोड़
पुलिस ने आरोप पत्र में कहा है कि कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां, कार्यकर्ता खालिद सैफी, आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, जामिया मिल्लिया इस्लामिया एलुमनाई एसोसिएशन अध्यक्ष शिफा उर रहमान और जामिया के छात्र मीरन हैदर को सीएए के खिलाफ प्रदर्शन स्थलों के प्रबंधन और फरवरी में हुए दिल्ली दंगों की साजिश को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर 1.61 करोड़ रुपये मिले थे। आरोपपत्र में कहा गया है कि कुल 1.61 करोड़ रुपये में से 1,48,01,186 रुपये नकद निकाले गए और प्रदर्शन स्थलों के प्रबंधन में खर्च किए गए।
मलेशिया में जाकिर नायक से मिला था सैफी
इसी एफआईआर में आम आदमी पार्टी के नेता रहे खालिद सैफी ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसने 2019 में इस्लामी प्रचारक और भारत से भागे हुए जाकिर नाईक से मलेशिया में मुलाकात की थी। सैफी ने यह भी स्वीकार किया कि उसकी भूमिका इन दंगों में हथियार इकट्ठा करने की थी। खास बात यह है कि सैफी जेएनयू के छात्र उमर खालिद के साथ मिलकर यूनाइटेड अगेंस्ट हैट नामक फेसबुक पेज भी चलाता है।
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हुसैन को दंगों के लिए तैयार करने वाला सैफी ही था। सैफी ने माना कि उसने न्यू एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी के नाम से एक एनजीओ का गठन किया था । फरवरी की शुरुआत में उसने इसी एनजीओ के खाते से एक लाख रुपए निकाले थे। इस एनजीओ का खाता एक निजी बैंक में है। इसके अलावा उसने यह भी माना है कि कुछ पैसा उसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने भी दिया था। सैफी ने कहा कि वह जेएनयू छात्र उमर खालिद को 2017 से जानता था वह लोग लगातार मिलते रहते थे। उसने कहा कि उमर खालिद के साथ उसकी अक्सर भारत सरकार के मुस्लिम विरोधी होने पर बातचीत होती थी। धारा 370 और 35ए हटाए जाने के बाद तथा बाबरी मस्जिद के मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आज आने के बाद उनका गुस्सा और बढ़ गया। नागरिकता अधिनियम के आ जाने के बाद तो स्थिति और भी खराब हो गई।
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योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और सलमान खुर्शीद ने कही थी उकसाने वाली बातें
सैफी ने स्वीकार किया है कि नागरिकता अधिनियम के खिलाफ उनके धरने को योगेंद्र यादव प्रशांत भूषण के साथ-साथ कांग्रेस नेता सलमाीन खुर्शीद ने भी संबोधित किया था। इन लोगों ने इस अधिनियम के खिलाफ जनता को भड़काने वाले बयान दिए थे। सैफी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पूरे मामले में उसकी जिम्मेदारी हथियार इकट्ठा करने की थी इसके लिए उसने ताहिर हुसैन को पैसे दिए थे।
उसने यह भी बताया कि उसे यह पैसे पीएफआई के दानिश ने शाहीन बाग स्थित कार्यालय में दिए थे। ताहिर हुसैन की जिम्मेदारी दंगा भड़काने की थी। इसके लिए हुसैन का इलाका इसलिए चुना गया क्योंकि वहां पर काफी संख्या में हिंदू भी रहते थे।
बयान स्वीकार योग्य नहीं
ताहिर हुसैन और खालिद सैफी के बयानों के मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने सैफी की वकील रेबेका जॉन से बात की। उनका कहना है कि यह बयान कोर्ट में स्वीकार योग्य नहीं है क्योंकि यह पुलिस के सामने दिए गए हैं। दिल्ली पुलिस को कोर्ट महीने साबित करने के लिए स्वतंत्र सबूत देने होंगे।
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