जब अटल जी 800 भेड़ें लेकर पहुंच गए थे चीनी दूतावास

जब अटल जी 800 भेड़ें लेकर पहुंच गए थे चीनी दूतावास

चीन ने की थी प्रधानमंत्री से अटल जी की शिकायत

नई दिल्ली ।

चीन की सीमा पर तनाव कोई नई घटना नहीं है । 1962 के युद्ध के बाद 1965 में जब भारत पाकिस्तान के साथ सीमा पर उलझा हुआ था उस समय फिर चीन ने सीमा पर हमेशा की तरह हरकतें की थी।

उस समय देश के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री थे और चीन की सरकार ने उन्हें पत्र लिखा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि भारतीय सैनिकों ने चीन की 800 भेड़ें और 59 याक चुराएं हैं। चीन ने भारतीय सैनिकों द्वारा उसके क्षेत्र में निर्माण किए जाने का आरोप भी लगाया था। पत्र में चेतावनी दी गई थी कि यदि हमारे यह जानवर वापस नहीं किए गए तो परिणाम ठीक नहीं होगा। इसकी जानकारी उस समय 42 वर्ष के युवा अटल बिहारी वाजपेई को लगी।

sheep

1962 में अरुणाचल की हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन हथिया लेने वाला चीन 1965 में सिक्किम पर कब्जा करने की तैयारी में था। सीमा पर तनाव को बढ़ाने के लिए उसने इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाए गए थे।

अटल जी उस समय जनसंघ के सांसद थे और उन्होंने इसके विरोध का अनूठा तरीका अपनाया। उन्होंने दिल्ली में 800 भेड़ें इकट्ठी की और एक जुलूस के रूप में उन्हें लेकर कि दूतावास पहुंचे। भेड़ों के गले में तख्तियां लटकाकर कर संदेश दिया गया था कि लीजिए हमें खा लीजिए और दुनिया को युद्ध से बचाइए।

इस मजाकिया प्रदर्शन की बहुत चर्चा हुई। चीन इससे तिलमिला गया था। उसने इस प्रदर्शन पर आपत्ति जताते हुए प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री को एक पत्र लिखा। इसके उत्तर में शास्त्री जी ने चीन से कहा कि प्रदर्शन का सरकार से कोई संबंध नहीं है। भारतीय नागरिकों ने दूतावास के बाहर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन किया है।

जाओ अटल दुनिया को बताओ कि श्यामा प्रसाद ने कश्मीर में परमिट सिस्टम तोड़ दिया है

ekatma

Related Posts

Recent Posts

Recent Comments

Archives

Categories

Meta