हलाल सर्टिफिकेशन और व्यापारिक जिहाद

हलाल सर्टिफिकेशन और व्यापारिक जिहाद

डीएस बालाजी

आज हिन्दुओ के द्वारा मुसलमानो का बहिष्कार कर हिन्दू की ही दुकान से समान खरीदने पर इतना हो हल्ला हो रहा हूं। सभी छद्दा धर्म निरपेक्ष इस बात पर बवाल मचाए हुए है। किन्तु मुसलमान हिन्दुओ का आर्थिक बहिष्कार लंबे समय से कर रहे है। मुसलमान हमेशा अपने उम्माह में आने वाले मुसलमान भाई की ही दुकान से ही सामान खरीदते है।
विश्व भर में आज हलाल Certification फैल चुका है। इस गलतफहमी में न रहे कि हलाल बस मांस तक सीमित है। मांस और मांस के खाद्य पदारतो में तो यह पूरी तरह से फैल ही चुका है। Pizza Hut से लेकर Subway तक सभी बड़े International Food Giants Halal Certification लेने को मजबूर है। जिसका मतलब यह है कि उनके भोजन में प्रयोग होने वाला मांस, प्राणी को तड़पा-तड़पा कर मार गया है। और उस Halal Certification को देखकर ही मुसलमान वहां खाने जाते है । Europe में आज गैर मुसलमान मांस उद्योग से लगभग बाहर हो चुके है।
Halal Certification अब हर चीज का होता है। चेहरे पर लगाई जाने वाली क्रीम से लेकर आलू के चिप्स का भी। हलाल Certification निजी इस्लामिक संस्थानों द्वारा दिया जाता है। और इसका उद्देश्य धीरे धीरे पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर कब्जा करना है।
अरब के किसी देश मे कोई गैर मुसलमान अपनी खुद की दुकान नही चला सकता, क्योंकि वहां वे बहुसंख्यक है। मुसलमान जहा बहुसंख्यक है वहा कोई काफिर पैसे नही कमा सकता। पाकिस्तान, बेंगलादेश में हिन्दुओ की संख्या बस हत्या से ही नही घटी, बल्कि आर्थिक तंगी के कारण कई हिन्दुओ ने इस्लाम स्वीकारा। तो हमारे बहुसंख्यक हिन्दूओ के देश मे हम इन्हें क्यों व्यवसाय की स्वतंत्रता दे रहे है?
जिस प्रकार मुसलमान भाई बस मुसलमान की दुकान का हलाल समान ही खरीदते है। उसी प्रकार हिन्दुओ को भी चाहिए कि वह अपनी जरूरत की सुई से लेकर हवाई जहाज तक सभ कुछ हिन्दुओ से ही खरीदे। जिस भी Product पर Halal Certification है उसे वापस रखदे और दुकानदार को बताए कि आप हलाल नही खरीद सकते।
आचार्य चाणक्य ने कहा था – “धर्मस्य मूलं अर्थम”
यदि हमारे हाथों में अर्थव्यवस्था होगी तो अनेको समस्याओं का निवारण हमारे पास होगी। अन्यथा हम एक ऐसे जाल में फस जाएंगे जहा कोई अन्य मजहब कबूल करने के अतिरिक्त दूसरा कोई चारा हमारे पास नही होगा।

लेखक ब्लॉगर और डिजाइनर हैं। लेख में प्रस्तुत विचार लेखक के है। साथ ही ये ग्राफिक्स भी उन्हीं ने बनाया है।

ekatma

Related Posts

पाकिस्तानी हिन्दुओं को क्यों हर दिन होता है हिन्दू होने पर पछतावा

पाकिस्तानी हिन्दुओं को क्यों हर दिन होता है हिन्दू होने पर पछतावा

राष्ट्र निर्माण की धुरी है यह भव्य राम मंदिर

राष्ट्र निर्माण की धुरी है यह भव्य राम मंदिर

अटलजी की कविता : दूध में दरार पड़ गई

अटलजी की कविता : दूध में दरार पड़ गई

कितने मुस्लिम पुरुष हैं जो हिन्दू महिला के प्रेम में हिन्दू बने?

कितने मुस्लिम पुरुष हैं जो हिन्दू महिला के प्रेम में हिन्दू बने?

Recent Posts

Recent Comments

Archives

Categories

Meta